कम्प्यूटर एक सामान्य उद्देश्य उपकरण है, जो विभिन्न प्रकार के कार्य कर सकता है। आप विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर पैकेजेज को बदलकर कम्प्यूटर को अलग-अलग ऐप्लिकेशन्स के लिए प्रयोग कर सकते हैं। एक प्रकार से हम अनुभव कर सकते हैं कि मानव जीवन का कोई पहलू कम्प्यूटर के ऐप्लिकेशन से अछूता नहीं रहा है।
1. वैज्ञानिक रिसर्च के क्षेत्र में In the Area of Scientific Research
कम्प्यूटर का प्रयोग वैज्ञानिक रिसर्च में सबसे पहलेकिया गया। कम्प्यूटर की स्पीड एवं एक्यूरेसी ने वैज्ञानिक विश्लेषण को तेजी से करने में मदद की। कम्प्यूटर नियंत्रित रोबोट्स (computer controlled robots) का प्रयोग उन क्षेत्रों में होता है जहाँ मानव जीवन के लिए खतरा होता है। उदाहरण के लिए, कम्प्यूटर का प्रयोग नाभिकीय रिसर्च (nuclear research) और गहरे समुद्र की जाँच-पड़ताल के लिए किया जाता है।
आजकल कम्प्यूटर विश्वविद्यालयों में शिक्षा तकनीक का एक अहम् हिस्सा हैं। शिक्षा सामग्री को कम्प्यूटर के द्वारा विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाता है। शिक्षा सामग्री में बदलाव करना भी इसके लिए अत्यधिक सुगम है।
2. मनोरंजन के क्षेत्र में In the Area of Entertainment
मूवीज (movies), ऐनीमेशन फिल्म्स (animation films), न्यूजपेपर्स (news papers) और टीवी (TV) में आने वाले विज्ञापन आदि में कम्प्यूटर का व्यापक प्रयोग होता है। आपने एक टीवी शो में कौन बनेगा करोड़पति सीरियल देखा होगा, जहाँ दर्शकों को आकर्षित करने के लिए कम्प्यूटर का प्रयोग किया जाता है। मनोरंजन इंडस्ट्री में कम्प्यूटर का प्रयोग मूवीज के प्रोडक्शन की योजना बनाने एवं विभिन्न प्रकार के स्पेशल इफेक्ट्स (special effects) बनाने में भी करती है। अधिकतर ऐनीमेशन फिल्म्स एक कम्प्यूटर पर ही बनाई जाती हैं और बाद में इन्हें टेलीविजन माध्यम पर ट्रांसफर किया जाता है।
3.बिजनेस प्रयोग के क्षेत्र में In the Area or Business Application
कम कीमत के कारण, पीसी (पर्सनल कम्प्यूटर्स) आजकल छोटे व्यापारियों द्वारा भी अपना अकाउण्ट मेण्टेन करने के लिए प्रयोग किए जा रहे हैं। कम्प्यूटर्स का प्रयोग मल्टीनेशनल कम्पनीज (multinational companies) के द्वारा पूरे विश्व में उनका बिजनेस मैनेज करने के लिए हो रहा है। कम्प्यूटर, मैनेजमेण्ट को बिजनेस पोजीशन के बारे में अपडेटेड सूचना, टेक्स्ट और ग्राफिक रूप, जैसे चार्ट्स, ग्राफ्स आदि में तुरन्त और बहुत कम कीमत पर प्रदान करते हैं। इसलिए, मैनेजर्स, बिजनेस से सम्बन्धित निर्णय सही तरीके से एवं बिना किसी देरी के ले सकते हैं। कम्प्यूटर का प्रयोग करके, मैनेजर्स सिमुलेशन (simulation) या व्हाट इफ ऐनालिसिस (what if analysis) भी कर सकते हैं ताकि वे यह जान सकें कि भविष्य में उनके इस निर्णय का असर बिजनेस पर कैसा होगा।
4.संचार के क्षेत्र में In the Area of Communication
ई-मेल या इलेक्ट्रॉनिक मेल, जहाँ हम लम्बे मैसेज (संदेश), रिपोर्ट्स आदि को विश्व में कहीं भी, बहुत सारे लोगों को, बहुत ही कम कीमत पर भेजने के लिए, एक कम्प्यूटर और एक टेलीफोन लाइन का प्रयोग करते हैं।
संदेशों को ट्रांसफर करने में ई-मेल के प्रयोग से समय एवं कागज की बचत होती है। इसके अलावा, जो व्यक्ति इलेक्ट्रॉनिक मैसेज प्राप्त करता है, वह इन्हें अपने पीसी पर सेव कर सकता है ताकि बाद में इनका प्रयोग कर सके, उन्हें पढ़ सकता है, उनका उत्तर दे सकता है, उन्हें आगे किसी और को फॉर्वर्ड कर सकता है या उन्हें कम्प्यूटर से डिलीट (delete) कर सकता है। ई-मेल के प्रयोग करने का एक फायदा यह भी है कि ई-मेल के साथ में अटैचमेंट भी भेजा जा सकता है। हम अटैचमेंट में फोटो, सर्टिफिकेट को स्कैन करके भेज सकते हैं। साथ ही, हम म्यूजिक, वीडियो आदि के कन्टेन्ट को भी अटैचमेंट में भेज सकते हैं। कम्प्यूटर्स का प्रयोग कम कीमत पर दूसरे देश के लोगों से टेलीफोन पर बात करने के लिए भी किया जाता है। हम इसे इंटरनेट टेलीफोनी (internet telephony) कहते हैं।
5.इंजीनियरिंग के क्षेत्र में In the Area of Engineering
कम्प्यूटर का प्रयोग इंजीनियरिंग के क्षेत्र में, डिजाइन स्टेज (design stage) से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग प्रोसेस कण्ट्रोल (manufacturing process control) में भी किया जाता है।कम्प्यूटर एडेड डिजाइन [(Computer Aided Design (CAD))], ने किसी भी मशीन को वास्तव में बनाए बिना ही उसकी डिजाइनिंग (designing), टेस्टिंग (testing) और मॉडिफाइंग (modifying) को सम्भव बनाया है। अब कोई भी व्यक्ति, अन्तिम प्रोडक्शन का निर्णय लेने से पहले, कम्प्यूटर जनरेटेड इमेज (computer generated image) पर उस मशीन को देख और सिमुलेट कर सकता है।
एक बार जब डिजाइन एक्सेप्ट हो जाती है, तो कम्प्यूटर एडेड मैन्यूफैक्चरिंग [(Computer Aided Manufacturing (CAM))] प्रक्रिया का प्रयोग करके, कोई भी व्यक्ति इस तरह के प्रोडक्ट्स को बड़ी संख्या में, तेजी से और कम मेहनत से बना सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में, कम्प्यूटर का प्रयोग उन इंटीग्रेटेड सर्किट्स को डिजाइन और टैस्ट करने के लिए होता है जिनका प्रयोग रेडियो, टीवी, खिलौनों एवं कम्प्यूटर्स में किया जाता है। मेटलैब इसी फील्ड से सम्बन्धित एक सॉफ्टवेयर है। जिसके द्वारा हम एल्गोरिथ्म व यूजर इंटरफेस को क्रियान्वित कर सकते हैं।
6.चिकित्सा के क्षेत्र में In the Area of Medicine
चिकित्सा के क्षेत्र में, कम्प्यूटर का प्रयोग, मरीजों का रिकॉर्ड रखने, जैसे बहुत सरल कार्य से लेकर, सर्जरी के दौरान रोबोट का कण्ट्रोल करने में सर्जन्स की मदद करने जैसे जटिल काम में भी होता है। कम्प्यूटर हार्ट बीट (heart beat), ब्लडप्रेशर (bloodpressure) आदि को मॉनीटर करने के लिए भी बनाए जाते है और ये मरीजों की हिस्ट्री भी मेण्टेन (maintain) करते हैं।
कुछ टेस्ट्स की मदद से कम्प्यूटर से किसी मनुष्य को भविष्य में होने वाली बीमारियों का पता भी लगाया जा सकता है। कुछ जटिल टेस्ट्स का परिणाम कम्प्यूटर ही सफलतापूर्वक निष्पादित कर सकता है।
7.बैंकिंग के क्षेत्र मे In the Area of Banking
बैंकों में कम्प्यूटर का व्यापक प्रयोग होता है। कम्प्यूटर के उपयोग ने ही बैंकों को उनके द्वारा दी जाने वाली कई सुविधाएँ बेहतर बनाने की अनुमति प्रदान की। अब कोई भी व्यक्ति ATM (Automated Teller Machines) का प्रयोग दिन के 24 घण्टों में कभी भी कैश जमा करने और निकालने के लिए कर सकता है। अब बैंक अकाउण्ट्स का पूरा बुककीपिंग (bookkeeping) का काम कम्प्यूटर के द्वारा ही होता है। अब डिपॉजिट (deposit), विथड्रॉअल (withdrawl), इंट्रेस्ट चार्जेज आदि के बारे में सूचनाएँ कम्प्यूटर द्वारा ही मैनेज की जाती हैं। जब बैंक की अलग-अलग ब्रांचेज कम्प्यूटर नेटवर्क के द्वारा कनेक्टेड होती हैं, तो इंटरब्रांच ट्रांजेक्शन (interbranch transaction), जैसे चैक्स की क्लीयरिंग भी कम्प्यूटर्स द्वारा तुरन्त की जा सकती है। इसके अलावा यदि बैंक की ब्रांचेज इंटरकनेक्टेड होती हैं तो कोई भी व्यक्ति बैंक की किसी भी ब्रांच से पैसा निकाल सकता है या उसमे जमा करा सकता है।
8.पुस्तक प्रकाशन के क्षेत्र में In the Area of Book Publishing
DTP या डेस्कटॉप पब्लिशिंग (Desk Top Publishing) कम्प्यूटर के कुशल उपयोग के कारण ही एक नया क्षेत्र बनाया गया। DTP में एक कम्प्यूटर और एक लेजर प्रिंटर की मदद से कोई भी पुस्तकों को आसानी से डिजाइन करके लिख सकता है।
आजकल DTP के प्रयोग से, देश के विभिन्न भागों में न्यूजपेपर्स (news papers) को डिजाइन किया जाता है, इन्हें एक जगह पर प्रिंट किया जाता है और फिर इनका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि ये हमें प्रतिदिन सुबह मिल सकें। पुस्तक लिखने के कई कार्य जो पहले हाथ से किए जाते थे, जैसे इंडेक्स बनाना आदि और इनमें कई घण्टे लगते थे, अब
ऑटोमैटिक रूप से पर्सनल कम्प्यूटर और DTP सॉफ्टवेयर, जैसे MS-Word की मदद से किए जा सकते हैं।
9.गेम्स Games
आप कम्प्यूटर पर घण्टों तक गेम्स खेल सकते हैं। गेम्स मनोरंजक और शिक्षाप्रद दोनों तरह के हो सकते हैं। एक्शन गेम्स आपको, कठिन परिस्थितियों में फाइट करके भी अपना रास्ता निकालने की पोजीशन में डालते हैं। आप एक स्पेस पाइलट की तरह अनुभव कर सकते हैं जो स्पेस पर आक्रमण करने वालों से लड़ता है या आप एक छोटी-सी चीज बनकर भूतों (ghosts) से बचने का अनुभव कर सकते हैं।
ऐडवेंचर गेम्स, दूसरी मुख्य श्रेणी के कम्प्यूटर गेम्स हैं। इस तरह के गेम्स, लोकप्रिय गेम Dungeons and Dragons की तरह के होते हैं। अन्य प्रकार के कम्प्यूटर गेम्स में फुटबॉल, क्रिकेट, कार्ड गेम्स आदि का सिमुलेशन शामिल हैं। कम्प्यूटर चेस प्रोफेशनल्स के लिए भी काफी मददगार साबित हुए हैं। चेस को कम्प्यूटर पर कई कुशलता के लेवल्स में खेला जा सकता है। प्रोफेशनल्स गेम की रणनीति कम्प्यूटर के द्वारा ही बनाते हैं। भारत के कई ग्रैण्ड मास्टर्स के लिए कम्प्यूटर बहुत मददगार साबित हुआ है।
10. शिक्षा के क्षेत्र में In the Area of Education
कम्प्यूटर बेस्ड ट्रेनिंग (CBT), कम्प्यूटर असिस्टेड लर्निंग (CAL) और कम्प्यूटर असिस्टेड इन्स्ट्रक्शन (CAI) प्रोग्राम्स उपलब्ध हैं जिनका प्रयोग करके, आप बेसिक से लेकर ऐडवांस्ड विषय जैसे मैथ्स (Maths), फिजिक्स (Physics), बायोलॉजी (Biology) आदि सीख सकते हैं। रिसर्चर्स (शोधकर्ताओं) का यह विश्वास है कि जब एक नया कॉन्सेप्ट स्टूडेंट्स के सामने, एक कम्प्यूटर से ऑडियो-वीडियो माध्यम के द्वारा लाया जाता है तो वे उस विषय को बेहतर तरीके से और जल्दी सीख सकते हैं। आजकल स्कूलों में कम्प्यूटर की सहायता से स्मार्ट क्लासेज क्रियान्वित की जा रही हैं। जिसके द्वारा छात्र आसानी से किसी भी विषय को सीख सकते हैं।
11.अकाउंटिंग Accounting
स्पेशलाइज्ड प्रोग्राम्स; जैसे – Tally 9, आदि उपलब्ध हैं जो कम्पनी के फाइनेन्शियल अकाउंट्स (financial accounts) और इन्वेंट्री मैनेजमेंट (inventory management) को हैण्डल करते हैं। कम्प्यूटर्स के प्रयोग से, अकाउंट मेण्टेन करने का काम बहुत आसान हो गया है। एक ऑपरेटर जिसे थोड़ी भी अकाउंटिंग की जानकारी हो, वह ट्रायल बैलेंस (trial balance), लाभ एवं हानि अकाउंट (profit and loss accounts) और यहाँ तक कि बैलेंस शीट (balance sheet) भी इन अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर पैकेजेज का प्रयोग करके तैयार कर सकता है।
12.पर्सनल Personal
आजकल, लोग भी कम्प्यूटर का प्रयोग अपने रिकॉर्ड्स कीपिंग के लिए और अपने इन्वेस्टमेंट, इन्कम, एक्सपैंडीचर तथा सेविंग्स की ऐनालिसिस करने के लिए करते हैं। MS-Money नाम का एक पर्सनल फाइनेन्शियल पैकेज इसी तरह के काम के लिए उपलब्ध है। यह पैकेज इन्कम, इंट्रेस्ट, इन्श्योरेंस आदि को कैलकुलेट करने एवं पेमेंट्स के लिए चैक्स फिल करने तथा इन्कम टैक्स कैलकुलेशन्स में मदद करता है।