आकार के आधार पर कम्प्यूटर का वर्गीकरण कीजिए।
आकार तथा क्षमता के आधार पर कम्प्यूटर का वर्गीकरण Classification of Computer on the Basis of Size and Capacity आकार तथा क्षमता के आधार पर कम्प्यूटरों को मुख्यतः चार वर्गों में बाँटा जाता है- माइक्रो, मिनी, मेनफ्रेम तथा सुपर। इन वर्गों के कम्प्यूटरो की विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं-
1. माइक्रो कम्प्यूटर Micro Computers
ये आकार में बहुत छोटे होते हैं और माइक्रोप्रोसेसर (microprocessor) के साथ इनपुट/आउटपुट (input/Output)तथा भण्डारण उपकरण जोड़कर तैयार किये जाते हैं। माइक्रोप्रोसेसर वास्तव में एक पूरा सी०पी०यू० होता है, जो एक छोटी सी चिप पर समा जाता है। आजकल के सभी डेस्कटॉप (desktop), लैपटॉप (laptop) तथा टैबलेट (tablet) इसी श्रेणी में आते हैं। ये आकार में इतने छोटे होते हैं कि एक मेज पर भी रखे जा सकते हैं। इन पर एक बार में एक ही व्यक्ति काम कर सकता है। इनकी कीमत कुछ हजार रुपयों में होती है। ये घरो तथा कार्यालयों में मुख्यतः प्रयोग में आने वाले कम्प्यूटर हैं। इनको पर्सनल कम्प्यूटर (personal computer) भी कहा जाता है। इनकी मुख्य मेमोरी का आकार 1 गीगाबाइट से लेकर 8 गीगाबाइट या अधिक हो सकता है।
2. मिनी कम्प्यूटर Mini Computers
ये क्षमता में माइक्रो कम्प्यूटर से बहुत अधिक होते हैं। इनकी मुख्य मेमोरी का आकार 2 गीगाबाइट से लेकर 8 गीगाबाइट या अधिक भी हो सकता है। इन पर एक साथ कई लोग कार्य कर सकते हैं और एक साथ कितने भी प्रोग्राम चल सकते हैं। इन कम्प्यूटरों में विशेष आवश्यकता के अनुसार डिस्क ड्राइव, लाइन प्रिन्टर आदि अलग से जोड़े जा सकते हैं। इनका मूल्य साधारण तौर पर बड़ी कम्पनियों द्वारा वहन करने योग्य होता है।
3. मेनफ्रेम कम्प्यूटर Mainframe Computers
ये आकार में मिनी कम्प्यूटर से काफी बड़े और क्षमता में भी बहुत अधिक होते हैं। इनकी मुख्य मेमोरी का आकार 8 गीगाबाइट से लेकर 512 गीगाबाइट तक होता है। इन पर एक साथ सैकड़ों व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। इन कम्प्यूटरों के लिए एयर कण्डीशनिंग करना अनिवार्य होता है, ताकि तापमान 20°C से 25°C तक बना रहे। इनमें ऑनलाइन डाटा स्टोरेज की विशेष सुविधा होती है। इन कम्प्यूटरों का मूल्य बहुत अधिक होता है।
4. सुपर कम्प्यूटर Super Computers
ये कम्प्यूटर आकार में विराट और गति में मेनफ्रेम कम्प्यूटरों से भी सैकड़ों-हजारों गुना तेज होते हैं। इनकी मुख्य मेमोरी का आकार 2 टेराबाइट से लेकर 362 टेराबाइट तक होता है। इनमें समानान्तर प्रोसेसिंग (parallel processing) की क्षमता होती है, जिसमें कोई गणना अलग-अलग चरणों में करने के बजाय इस प्रकार एक साथ की जाती है कि जल्दी पूर्ण हो जाये। ये ऐसे कार्यों में प्रयोग किये जाते हैं, जिनमें लम्बी-लम्बी और जटिल गणनाएँ करनी पड़ती हैं; जैसे- मौसम अनुमान, अन्तरिक्षयान, उपग्रह प्रक्षेपण, मिसाइल निर्माण, परमाणु
विस्फोट आदि। इनकी कीमत भी कई करोड़ रुपयों में होती है।
आजकल पुराने समय के मिनी तथा मेनफ्रेम कम्प्यूटरों की संख्या गिनी-चुनी रह गयी है। इनके स्थान पर प्रायः कई माइक्रो कम्प्यूटरों के ऐसे समूह का उपयोग किया जाता है, जो सामान्यतया स्वतन्त्र रूप से कार्य करते हैं, लेकिन आपस में जुड़े रहकर एक नेटवर्क का निर्माण करते हैं। इन कम्प्यूटरों में से सर्वाधिक क्षमता वाले कम्प्यूटर को सर्वर बना लिया जाता है तथा शेष सभी को क्लाइण्ट या नोड कहा जाता है। सर्वर और क्लाइण्ट आपस में एक हब के माध्यम से जुड़े रहते हैं। इस प्रकार नेटवर्क बनाने से किसी भी कम्प्यूटर से जुड़े साधनों का नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटरों के साथ साझा करना सम्भव हो जाता है। सर्वर कम्प्यूटर का प्रयोग केन्द्रीय गणना के लिए किया जाता है